मंगलवार, 8 अगस्त 2006
असली-नकली
फ़ोटोग्राफ़ी पर रवि जी का लेख पढ़ने के बाद मैं भी एक फोटो यहाँ दे रही हूँ जो नोकिया 3230 के कैमरे (1.2 मेगापिक्सल) से लिया गया है। बताइए कौन असली है और कौन नकली?
सोमवार, 7 अगस्त 2006
युद्ध
एक शाम दादाजी अपने पौत्र से बैठे बात कर रहे थे। दादाजी बोले – आज मैं तुम्हें उस युद्ध के बारे में बताता हूँ जो हम सबके शरीर में दो शक्तियों के बीच होता है।
एक शक्ति बुराई है जिसका भोजन गुस्सा, जलन, द्वेष, घमंड, दुख, पछतावा, लालच, निराशा, झूठ, पाप, आक्रोश और अहंकार हैं। दूसरी शक्ति अच्छाई है जिसका भोजन खुशी, शांति, प्रेम, आशा, पवित्रता, मानवता, दयालुता, उदारता, सच, विश्वास, दया और सहानुभूति है।
पौत्र ने कुछ देर विचार कर अपने दादाजी से पूछा कि इस युद्ध में किस शक्ति की विजय होती है? दादाजी तुरंत बोले – उसी की जिसे तुम भोजन देते हो।
एक शक्ति बुराई है जिसका भोजन गुस्सा, जलन, द्वेष, घमंड, दुख, पछतावा, लालच, निराशा, झूठ, पाप, आक्रोश और अहंकार हैं। दूसरी शक्ति अच्छाई है जिसका भोजन खुशी, शांति, प्रेम, आशा, पवित्रता, मानवता, दयालुता, उदारता, सच, विश्वास, दया और सहानुभूति है।
पौत्र ने कुछ देर विचार कर अपने दादाजी से पूछा कि इस युद्ध में किस शक्ति की विजय होती है? दादाजी तुरंत बोले – उसी की जिसे तुम भोजन देते हो।
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